खनिज गवेषण के बारे में
केआईओसीएल लिमिटेड को 16 फरवरी 2015 से खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 (एमएमडीआर-1957) की धारा 4(1) के तहत अधिसूचित खनिज गवेषण एजेंसी (एनईए) के रूप में मान्यता प्राप्त है और इसे देश भर में खनिज गवेषण (एमई) करने के लिए सशक्त किया गया है और कार्य सौंपा गया है।
केआईओसीएल खान मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से प्रमोशनल एक्सप्लोरेशन और राज्य सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्रों (केंद्रीय / राज्य) और निजी क्षेत्र की संस्थाओं के खान और भूविज्ञान विभाग की ओर से संविदात्मक एक्सप्लोरेशन की जिम्मेदारी साझा करता है।
केआईओसीएल वर्तमान में राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट (एनएमईटी), खान मंत्रालय, भारत सरकार और राज्य सरकार के खान और भूविज्ञान विभाग के निर्देशों के तहत देश भर में क्षेत्रीय और विस्तृत खनिज अन्वेषण कार्यक्रम चलाकर राष्ट्र में योगदान देने में सक्रिय है। केआईओसीएल एमएमडीआर 1957 मानदंडों के तहत आगे की भूवैज्ञानिक जांच के लिए विभिन्न खनिजों के संभावित ओजीपी क्षेत्रों (स्पष्ट भूवैज्ञानिक संभावित क्षेत्रों) को तैयार करने में शामिल है।
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महा प्रबंधक (एमई) महा प्रबंधक (पीसी) देवदारी लौह अयस्क ब्लॉक एवं खनिज गवेषण परियोजना कार्यालय - संदुर खनिज गवेषण परियोजना कार्यालय - बागलकोट
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